टैक्स सेविंग्स की ज्यादातर स्कीम्स अधिकतम सुरक्षा के साथ ऊंचा रिटर्न भी मुहैया कराती हैं। ऐसे में मेहनत से कमाई गई रकम को अगर टैक्स से बचाना चाहते हैं, तो आपको कुछ विकल्पों पर गौर करना होगा। टैक्स सेविंग के लिए सबसे अहम प्रावधान सेक्शन 80सी के तहत किए गए हैं। इसके तहत छूट में शामिल स्कीम्स में 1 लाख रुपए तक निवेश कर 30,900 रुपए तक टैक्स बचा सकते हैं।
पीपीएफ
पीपीएफ में 70,000 रुपए तक निवेश कर धारा 80सी के तहत इस राशि पर इनकम टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसमें हर साल रिटर्न फिक्स होता है। अभी फिलहाल यह 8 फीसदी है। यह एकमात्र ऐसा विकल्प है, जो पूरी तरह टैक्स फ्री है।
इंश्योरेंस प्रीमियम
इसमें 1 लाख रुपए तक का निवेश किया जा सकता है, लेकिन सालाना प्रीमियम की राशि सम-एश्योर्ड का कम से कम 20 फीसदी होनी चाहिए। इसमें रिटर्न बाजार पर निर्भर करता है। अगर यह इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (श्वरुस्स्)है, तो 3 साल की मैच्योरिटी के बाद मिलने वाली रकम टैक्स फ्री होगी। जहां तक जनरल इंश्योरेंस स्कीम की बात है, तो यह संबंधित साल की इनकम की तरह मानी जाएगी और उसी के मुताबिक टैक्स लगेगा।
म्युचुअल फंड्स
EELS में 1 लाख रुपए तक के निवेश को अनुमति है। ऐसे इंस्ट्रुमेंट्स से मिलने वाला रिटर्न बिल्कुल टैक्स फ्री है। हालांकि इस रिटर्न में मार्केट रिस्क भी शामिल होता है।
ट्यूशन फीस
टैक्स अदा करने वाले शख्स द्वारा अपने दो बच्चों की ट्यूशन फीस पर 1 लाख रुपए तक किए जाने वाले खर्च को टैक्स योग्य राशि में से घटा दिया जाता है। सेक्शन 80सी के तहत छूट के लिए इस मद में अधिकतम सीमा 1 लाख रुपए है।
होम लोन का भुगतान
होम लोन संबंधी 1 लाख रुपए तक के प्रिंसिपल अमाउंट पर धारा 80सी के तहत छूट मिलती है। इस राशि को टैक्स योग्य राशि में से घटा दिया जाता है। अगर आपने खुद के इस्तेमाल के लिए घर खरीदा है, तो इसके तहत 1.5 लाख रुपए तक दिए जाने वाले ब्याज पर भी टैक्स नहीं लगेगा।
पेंशन फंड
किसी इंश्योरेंस कंपनी के पेंशन फंड में अगर आप 1 लाख रुपए तक निवेश करते हैं, तो यह राशि टैक्स योग्य रकम से हटा दी जाएगी। छूट का फायदा उठाने के लिए आप न्यू पेंशन स्कीम में निवेश कर सकते हैं। इसकी अधिकतम सीमा धारा 80सी के तहत 1 लाख रुपए है। हालांकि जब आप इसे निकालेंगे तो इस पर टैक्स लगेगा।
एजुकेशन लोन का रीपेमेंट
अगर आप खुद या परिवार के किसी शख्स की हायर एजुकेशन के लिए लोन लेते हैं, तो इस पर इनकम टैक्स में छूट मिलती है। हालांकि प्रिंसिपल अमाउंट की अदायगी पर कोई छूट नहीं मिलती है।
मेडिक्लेम पॉलिसी
माता-पिता के लिए मेडिक्लेम पॉलिसी खरीदने पर इनकम टैक्स में 15,000 रुपए की छूट मिलती है। अगर आपके माता-पिता सीनियर सिटिजन हैं, तो छूट की राशि 20,000 रुपए तक हो सकती है। इसके अलावा आप खुद की मेडिक्लेम पॉलिसी के लिए भी 15,000 रुपए तक की छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं।
अक्षम डिपेंडेंट के लिए
अगर आप शारीरिक तौर पर अक्षम लोगों का इलाज करवा रहे हैं, तो आपको टैक्सेबल इनकम में 50,000 रुपए तक की छूट दी जा सकती है। इसके लिए प्रावधान की गई राशि को एप्रूव्ड इंश्योरेंस कंपनियों की स्कीम में लगाकर भी छूट का फायदा उठाया जा सकता है। अगर शारीरिक अक्षमता बहुत ज्यादा है, तो छूट की राशि बढ़कर 1 लाख रुपए तक भी हो सकती है। इसके लिए जरूरी दस्तावेज लगाने पड़ते हैं।
पीपीएफ
पीपीएफ में 70,000 रुपए तक निवेश कर धारा 80सी के तहत इस राशि पर इनकम टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसमें हर साल रिटर्न फिक्स होता है। अभी फिलहाल यह 8 फीसदी है। यह एकमात्र ऐसा विकल्प है, जो पूरी तरह टैक्स फ्री है।
इंश्योरेंस प्रीमियम
इसमें 1 लाख रुपए तक का निवेश किया जा सकता है, लेकिन सालाना प्रीमियम की राशि सम-एश्योर्ड का कम से कम 20 फीसदी होनी चाहिए। इसमें रिटर्न बाजार पर निर्भर करता है। अगर यह इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (श्वरुस्स्)है, तो 3 साल की मैच्योरिटी के बाद मिलने वाली रकम टैक्स फ्री होगी। जहां तक जनरल इंश्योरेंस स्कीम की बात है, तो यह संबंधित साल की इनकम की तरह मानी जाएगी और उसी के मुताबिक टैक्स लगेगा।
म्युचुअल फंड्स
EELS में 1 लाख रुपए तक के निवेश को अनुमति है। ऐसे इंस्ट्रुमेंट्स से मिलने वाला रिटर्न बिल्कुल टैक्स फ्री है। हालांकि इस रिटर्न में मार्केट रिस्क भी शामिल होता है।
ट्यूशन फीस
टैक्स अदा करने वाले शख्स द्वारा अपने दो बच्चों की ट्यूशन फीस पर 1 लाख रुपए तक किए जाने वाले खर्च को टैक्स योग्य राशि में से घटा दिया जाता है। सेक्शन 80सी के तहत छूट के लिए इस मद में अधिकतम सीमा 1 लाख रुपए है।
होम लोन का भुगतान
होम लोन संबंधी 1 लाख रुपए तक के प्रिंसिपल अमाउंट पर धारा 80सी के तहत छूट मिलती है। इस राशि को टैक्स योग्य राशि में से घटा दिया जाता है। अगर आपने खुद के इस्तेमाल के लिए घर खरीदा है, तो इसके तहत 1.5 लाख रुपए तक दिए जाने वाले ब्याज पर भी टैक्स नहीं लगेगा।
पेंशन फंड
किसी इंश्योरेंस कंपनी के पेंशन फंड में अगर आप 1 लाख रुपए तक निवेश करते हैं, तो यह राशि टैक्स योग्य रकम से हटा दी जाएगी। छूट का फायदा उठाने के लिए आप न्यू पेंशन स्कीम में निवेश कर सकते हैं। इसकी अधिकतम सीमा धारा 80सी के तहत 1 लाख रुपए है। हालांकि जब आप इसे निकालेंगे तो इस पर टैक्स लगेगा।
एजुकेशन लोन का रीपेमेंट
अगर आप खुद या परिवार के किसी शख्स की हायर एजुकेशन के लिए लोन लेते हैं, तो इस पर इनकम टैक्स में छूट मिलती है। हालांकि प्रिंसिपल अमाउंट की अदायगी पर कोई छूट नहीं मिलती है।
मेडिक्लेम पॉलिसी
माता-पिता के लिए मेडिक्लेम पॉलिसी खरीदने पर इनकम टैक्स में 15,000 रुपए की छूट मिलती है। अगर आपके माता-पिता सीनियर सिटिजन हैं, तो छूट की राशि 20,000 रुपए तक हो सकती है। इसके अलावा आप खुद की मेडिक्लेम पॉलिसी के लिए भी 15,000 रुपए तक की छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं।
अक्षम डिपेंडेंट के लिए
अगर आप शारीरिक तौर पर अक्षम लोगों का इलाज करवा रहे हैं, तो आपको टैक्सेबल इनकम में 50,000 रुपए तक की छूट दी जा सकती है। इसके लिए प्रावधान की गई राशि को एप्रूव्ड इंश्योरेंस कंपनियों की स्कीम में लगाकर भी छूट का फायदा उठाया जा सकता है। अगर शारीरिक अक्षमता बहुत ज्यादा है, तो छूट की राशि बढ़कर 1 लाख रुपए तक भी हो सकती है। इसके लिए जरूरी दस्तावेज लगाने पड़ते हैं।
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